जीवन
अनमोल
संपूर्ण
है
खुद
में
यह
जीवन
, साधन
नही,
साध्य
है
जीवन,
यह
है
एक
अनमोल
ख़जाना,
आनंदमय
है
सफर
सुहाना,
जीवन
है
वोह
अनंत
तराना,
जो
ना
थमता
कभी
जिंदगाना,
जीवन
परम्
ज्योत
की
माया,
उसने
कभी
अंत
ना
पाया
I
जीवन
है
मालिक
की
काया,
उसमें
ना
रमती
जग
की
छाया,
इस
जग
की
हर
चीज
का
मोल,
उसकी
हर
चीज
अनमोल,
कोई
ना
पाए
आनंद
का
मोल,
ना
पाए
कभी
खुशी
का
मोल,
जीवन
अनमोल
वह
चेतन
धारा,
जो
बहना
जाने
अनंत
द्वारा
I
यूई
वर्षो
की
गिनती
ना
जीवन,
वोह
तो
है
मौत
तराना,
उसे
जीवन
ना
तुम
बुलाना,
जग
दौड़
में
ना
इसे
गवाना,
जिस
जन
जीवन
रतन
यह
पाया,
उस
कुछ
और
ना
भाया,
परम्
संतुष्टि
का
बौध
हो
आया,
वोह
संपूर्ण
जीवन
जी
पाया
I
…… यूई